हम गाली क्यूँ देते हैं? Reason, why we speak Gaali?
- हम इंसान गाली क्यूँ देते हैं?
- क्या गाली देना सही बात है?
- क्या गाली देने से हमें कोई लाभ होता है?
- क्या हम गाली दिए बिना नहीं रह सकते हैं?
- क्या गाली ना देकर कोई अन्य शब्द का इस्तेमाल किया जा सकता है?
ये कुछ ऐसे प्रश्न हैं जिस पर हमें मंथन करना चाहिए और इसके जवाब ढूंढने चाहिए। जब मैंने लोगों से इन प्रश्नों का उत्तर पूछा और कुछ अनुमान लगया तब मैंने यह जाना है जो आपको नीचे बता रहा हूँ।
गाली क्या है?
हम इंसान गाली गाली क्यूँ देते हैं?
कुछ लोगों का यह भी कहना की गाली देने से सुकून मिलता, मैं भी गालियाँ देता हूँ लेकि मुझे नहीं पता कि क्यों देता हूँ। जब सोचा तो पता चला कि समाज में जब से बड़ा हुआ हूँ तब से लोगों को गाली देते सुना है शायद इसलिए मैं भी अभद्र भाषा का प्रयोग करता हूँ। ये तो हो गई मेरी आप बताएं, क्या लगता है आपको आप क्यूँ गाली देते हैं? क्या आपने सोचा है कभी? अगर आपके पास इसका जवाब है तो कॉमेंट में हमें बताये।
क्या गाली देना सही बात है?
यहाँ भी कुछ लोगों का कहना है कि गाली को हमें सिर्फ एक शब्द समझना चाहिए और इसे emotionally नहीं लेना चाहिए। आपका क्या कहना है अपनी राय नीचे कॉमेंट में बताये।
यहाँ भी कुछ लोगों का कहना है कि गाली को हमें सिर्फ एक शब्द समझना चाहिए और इसे emotionally नहीं लेना चाहिए। आपका क्या कहना है अपनी राय नीचे कॉमेंट में बताये।
क्या गाली देने से हमें कोई लाभ होता है?
क्या गाली दिए बिना हम नहीं रह सकते हैं?
लोगों ने मेरे से पूछा गाली ना दे तो क्या करें, यह हमारी आदत बन गई है हर बात में दूसरा शब्द एक गाली होता है ऐसे में हम चाह कर भी गाली देना नहीं छोड़ पा रहें हैं। आपका भी यही सवाल होगा और मेरा भी यही सवाल था। नीचे पढ़ें >>
क्या गाली ना देकर कोई अन्य शब्द का इस्तेमाल किया जा सकता है?
गाली अब हमारी आदत बन गई है हम कई बार खुद से यह कहते हैं कि "आज के बाद कभी गाली नहीं दूँगा या कोशिश करूंगा कि गाली कम दूँ" लेकिन ऐसा नहीं होता है हम कुछ ही दिनों में इसे भूल जाते हैं। आखिर गाली देना बंद कैसे होगा क्या करूँ मैं?
अगर आप भी इस तरह के सवाल खुद से करते हैं तो मैं आपको इससे छुटकारा पाने के कुछ उपाय बता सकता हूँ। यहाँ कुछ स्टेप्स आपको बता रहा हूँ अगर आप इसे हर वक़्त अपने दिमाग में रखेंगे तो यकीनन आप गाली देना भूल जाएंगे।
1. सबसे पहले आपको हमेशा यह सोचना है कि आप बुरे नहीं हो और इसलिए आपको गाली नहीं देना चाहिए।
2. जोक्स पढ़ें जो आपको हंसने में मदद करेगा और कोई एक ऐसा जोक याद रखें जो आपको हमेशा हँसाती हैं।
3. गालियां अक्सर गुस्से में ही दी जाती हैं इसलिए अपने आप को हमेशा हँसता हुआ रखें और अगर फिर भी गुस्सा आ जाए तब उस जोक को याद करें जो आपको हमेशा हँसाती है।
सामने वाला जिस पर आपको गुस्सा आया है, भले ही वो बड़ा हो या छोटा ये सोच लें कि ये ना समझ है इसके साथ समय क्यूँ बर्बाद करना।
4. और अगर इतना कुछ करने के बाद भी आप गाली देना नहीं छोड़ पाए तब आपको अपनी आदतों में गाली जैसे दूसरे शब्दों का प्रयोग करना होगा। ऐसे शब्द जो गाली की तरह लगते हैं लेकिन उसे उच्चारण करने में आपको ना सिर्फ अच्छा लगेगा ब्लकि जो सुनेगा वो भी हँस पड़ेगा।
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